शेयर मार्केट में गिरावट की कौन-कौन सी वज़ह होती हैं

Share market crash reason

शेयर मार्केट एक अस्थिर और संवेदनशील बाजार है, जहां छोटी से छोटी घटना भी बड़ी गिरावट का कारण बन सकती है। बहुत से निवेशक यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार कौन सी वज़हें शेयर मार्केट में गिरावट लाती हैं। इस लेख में हम शेयर मार्केट में गिरावट की प्रमुख वजहों पर चर्चा करेंगे, ताकि आप बेहतर समझ सकें और अपने निवेश को सुरक्षित रख सकें।

वैश्विक आर्थिक मंदी

शेयर मार्केट की गिरावट का सबसे बड़ा कारण वैश्विक आर्थिक मंदी होता है। जब किसी देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है, तो उसके असर से अन्य देशों की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता है, क्योंकि निवेशक अपने धन को सुरक्षित करने के लिए शेयर बेचने लगते हैं। इससे शेयरों की कीमतों में गिरावट आती है। उदाहरण के लिए, 2008 की आर्थिक मंदी के समय, शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखी गई थी।

ब्याज दरों में वृद्धि

जब ब्याज दरों में वृद्धि होती है, तो निवेशक अपने धन को शेयर बाजार से निकालकर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों में लगाना पसंद करते हैं। इससे शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ जाती है, और परिणामस्वरूप, बाजार में गिरावट देखी जाती है। भारत में भी यह देखा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद शेयर बाजार में गिरावट आई है।

राजनीतिक अनिश्चितता

राजनीतिक अनिश्चितता भी शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण हो सकती है। जब किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता होती है, जैसे कि चुनावी परिणाम अस्पष्ट हों या सरकार बदलने की संभावना हो, तो निवेशक बाजार में निवेश करने से डरते हैं। इसका सीधा असर शेयरों की कीमतों पर पड़ता है और बाजार में गिरावट देखी जाती है।

प्राकृतिक आपदाएं

प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, बाढ़, या तूफान भी शेयर मार्केट को प्रभावित करती हैं। जब भी कोई बड़ी आपदा आती है, तो उस देश की आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ता है, क्योंकि निवेशक इस अनिश्चितता के माहौल में जोखिम नहीं लेना चाहते।

वित्तीय घोटाले

कई बार वित्तीय घोटाले भी शेयर मार्केट में भारी गिरावट का कारण बनते हैं। जब किसी बड़ी कंपनी पर घोटाले का आरोप लगता है, तो उसके शेयरों की कीमतें तेजी से गिरती हैं। इसका असर पूरे बाजार पर होता है, और निवेशकों का भरोसा कम होता है। उदाहरण के तौर पर, सत्यम घोटाले के बाद भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई थी।

विदेशी निवेशकों का रुझान

विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) किसी भी देश के शेयर बाजार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। जब विदेशी निवेशक किसी कारण से अपने निवेश को निकालते हैं, तो बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ जाता है, और परिणामस्वरूप बाजार में गिरावट होती है। यह अक्सर तब होता है जब विदेशी निवेशक अपने घरेलू बाजारों में अधिक लाभ की उम्मीद करते हैं या जब वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर होती है।

वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव

जब किसी देश में युद्ध, सीमा विवाद, या आतंकी हमले होते हैं, तो इसका असर वैश्विक शेयर बाजारों पर पड़ता है। इन स्थितियों में निवेशक बाजार से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं, जिससे शेयर बाजार में गिरावट होती है। हाल ही में, रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भी कई देशों के शेयर बाजारों पर देखा गया।

तकनीकी सुधार

कई बार शेयर मार्केट में लगातार बढ़त के बाद एक तकनीकी सुधार (Technical Correction) भी देखने को मिलता है। इसका मतलब यह होता है कि बाजार ने अत्यधिक उछाल देखा है और अब उस उछाल को संतुलित करने के लिए कुछ गिरावट स्वाभाविक है। यह गिरावट आमतौर पर अल्पकालिक होती है, लेकिन इसे भी मार्केट में गिरावट के रूप में देखा जाता है।

आर्थिक नीतियों में बदलाव

जब किसी देश की सरकार अपनी आर्थिक नीतियों में बदलाव करती है, जैसे कि कर नीतियों या व्यापार नीतियों में परिवर्तन, तो उसका असर शेयर बाजार पर पड़ता है। अगर निवेशकों को ये नीतियां लाभकारी नहीं लगतीं, तो वे अपने निवेश निकालने लगते हैं, जिससे बाजार में गिरावट आती है। उदाहरण के लिए, जब भारतीय सरकार ने माल और सेवा कर (GST) लागू किया, तो शुरुआत में बाजार में कुछ अस्थिरता देखी गई थी।

नई कंपनियों का आईपीओ

कई बार जब कोई बड़ी कंपनी आईपीओ (Initial Public Offering) लेकर आती है, तो निवेशक पुरानी कंपनियों के शेयर बेचकर नई कंपनी के शेयर खरीदने लगते हैं। इसका असर पुरानी कंपनियों के शेयरों की कीमतों पर पड़ता है और बाजार में अस्थिरता बढ़ जाती है।

अफवाहें और मीडिया रिपोर्ट्स

शेयर बाजार अक्सर अफवाहों और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर भी चलता है। अगर किसी कंपनी या उद्योग के बारे में कोई नकारात्मक अफवाह फैलती है, तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं। इससे बाजार में अचानक गिरावट आ सकती है। निवेशकों को इस प्रकार की अफवाहों से सावधान रहना चाहिए और केवल विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए।

निष्कर्ष

शेयर बाजार में गिरावट कई कारणों से हो सकती है, जिनमें वैश्विक आर्थिक मंदी, राजनीतिक अस्थिरता, ब्याज दरों में वृद्धि, और वित्तीय घोटाले शामिल हैं। निवेशकों को इन वजहों को समझकर अपने निवेश के बारे में सतर्क रहना चाहिए। बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जानकारी और सावधानी से निवेश करने से आप अपने नुकसान को कम कर सकते हैं।

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